कुचबंधिया या कुचबंधिया समुदाय मध्यप्रदेश के कई जिलों में निवास करते हैं। अपनी संस्कृति और कला परंपरा को इन्होंने अभी तक कुछ मात्रा में संचित रखा है। समुदाय सदस्य स्वयं की भाषा को गिहारा पारसी बताते हैं। ये अपनी भाषा में अनेक सांकेतिक और विशिष्ट ध्वन्यात्मकता प्राधान्य शब्द समाये हुए हैं, जिसे भाषाभाषी लोग ही बोल और समझ सकते हैं। कुचबंधिया टॉकिंग डिक्शनरी में गिहारा पारसी के 1570 से अधिक शब्दों का संकलन किया गया है।