गाडुलिया लोहार (लुहाड़ी)

मध्यप्रदेश की घुमक्कड़ जाति में से एक है।अपने पहनावे,बोली वाणी और कृषि तथा जीवन - उपयोगी लौह वस्‍तुओं के व्‍यवसाय के कारण इन्‍हें दूर से ही पहचान लिया जाता है। प्राय: ये हमेशा गतिमान रहते हैं। इनकी पहचान इनकी बैल-गाड़ी है, जो कभी नहीं रुकती। इनका प्रमुख व्‍यवसाय घर और कृषि में उपयोग होने वाले उपकरण एवं औजार इत्‍यादि बनाना है। समुदाय द्वारा अपनी भाषा को लुहाड़ी कहा जाता है। इस भाषा को समुदाय के सदस्‍य ही बूझ सकते हैं अन्‍यों के लिए यह संभव नहीं है।

  • तीन सै   tin sɛ
    तीन सौ
    three hundred
  • तीनो मोटियार   tino moʈɪjɑr
    तीन आदमी
    three men
  • तीहि   tihɪ
    तीस
    thirty
  • तीही वेड़ा   tihi weɽɑ
    तीसवाँ
    thirtieth
  • तुरइया   tʊrəɪjɑ
    तुरही
    clarion
  • तुलसी   tʊləsi
    तुलसी
    basil/tulsi
  • तू   tu
    मध्यम पुरुष एकवचन
    2 SG
  • तू दोऊ   tu dou
    मध्यम पुरुष द्विवचन
    2 DU
  • तू दोऊ   tu dou
    मध्यम पुरुष द्विवचन दृढ़तावाचक
    2 DU EMPH
  • तू सग   tu səɡ
    मध्यम पुरुष बहुवचन दृढ़तावाचक
    2 PL EMPH