गाडुलिया लोहार (लुहाड़ी)

मध्यप्रदेश की घुमक्कड़ जाति में से एक है।अपने पहनावे,बोली वाणी और कृषि तथा जीवन - उपयोगी लौह वस्‍तुओं के व्‍यवसाय के कारण इन्‍हें दूर से ही पहचान लिया जाता है। प्राय: ये हमेशा गतिमान रहते हैं। इनकी पहचान इनकी बैल-गाड़ी है, जो कभी नहीं रुकती। इनका प्रमुख व्‍यवसाय घर और कृषि में उपयोग होने वाले उपकरण एवं औजार इत्‍यादि बनाना है। समुदाय द्वारा अपनी भाषा को लुहाड़ी कहा जाता है। इस भाषा को समुदाय के सदस्‍य ही बूझ सकते हैं अन्‍यों के लिए यह संभव नहीं है।

  • औरी   ɔri
    अन्य पुरुष स्त्रीलिंग एकवचन दृढ़तावाचक
    3 F SG EMPH
  • औरी दोऊ   ɔri dou
    अन्य पुरुष स्त्रीलिंग द्विवचन दृढ़तावाचक
    3 F DU EMPH
  • औरे   ɔre
    अन्य पुरुष पुर्लिंग एकवचन
    3 M SG
  • औरे   ɔre
    अन्य पुरुष नपुंसक लिंग एकवचन
    3 N SG
  • औरे   ɔre
    अन्य पुरुष पुर्लिंग द्विवचन
    3 M DU
  • औरे दोऊ   ɔre dou
    अन्य पुरुष द्विवचन
    3 F DU
  • औरो   ɔro
    अन्य पुरुष नपुंसक लिंग एकवचन
    3 N SG
  • औरो   ɔro
    अन्य पुरुष पुर्लिंग एकवचन दृढ़तावाचक
    3 M SG EMPH
  • औरो   ɔro
    अन्य पुरुष नपुंसकलिंग एकवचन दृढ़तावाचक
    3 N SG EMPH
  • औरो दोऊ   ɔro dou
    अन्य पुरुष पुर्लिंग द्विवचन दृढ़तावाचक
    3 M DU EMPH