गाडुलिया लोहार (लुहाड़ी)

मध्यप्रदेश की घुमक्कड़ जाति में से एक है।अपने पहनावे,बोली वाणी और कृषि तथा जीवन - उपयोगी लौह वस्‍तुओं के व्‍यवसाय के कारण इन्‍हें दूर से ही पहचान लिया जाता है। प्राय: ये हमेशा गतिमान रहते हैं। इनकी पहचान इनकी बैल-गाड़ी है, जो कभी नहीं रुकती। इनका प्रमुख व्‍यवसाय घर और कृषि में उपयोग होने वाले उपकरण एवं औजार इत्‍यादि बनाना है। समुदाय द्वारा अपनी भाषा को लुहाड़ी कहा जाता है। इस भाषा को समुदाय के सदस्‍य ही बूझ सकते हैं अन्‍यों के लिए यह संभव नहीं है।

  • वड्डो बा   wəɖɖo bɑ
    ताऊ
    father’s elder brother
  • वरह दी   wərəh di
    वार्षिक
    yearly
  • वल्लोदेया   wəllodejɑ
    फलियाँ
    beans
  • वहादे   wəhɑde
    अग्नि
    fire
  • वहादे   wəhɑde
    ईंधन
    fuel
  • वहादे   wəhɑde
    लौ
    flame
  • वहाना   wəhɑnɑ
    एक सुगंधित वृक्ष
    lavender
  • वाइरो   wɑɪro
    वायु
    air
  • वाइरो   wɑɪro
    हवा
    wind
  • वाडरे   wɑɖəre
    टॉर्च
    torch