बंजारा

बंजारा, जिन्हें लबाना-लम्बाड़ी के नाम से भी जाना जाता है, ऐतिहासिक रूप से खानाबदोश व्यापारिक समुदाय है, जिसकी उत्पत्ति राजस्थान के मेवाड़ प्रांत से मानी जाती है। ये एक अलग भाषा बोलते हैं, जिसे 'बंजारा’ नाम से जाना जाता है, हालाँकि मध्यप्रदेश में इसे 'गौर बोली', 'गोरमाटी' या 'बंजारी' और राजस्थान में 'लमानी' या 'लंबड़ी' भी कहा जाता है। अपनी श्रमशीलता, नृत्‍य, गीत, परिधान, भाषा और 'टांडा' के कारण आज भी इनकी विशिष्‍ट पहचान बची हुई है। अनेक लोककथाओं और गीतों में बंजारा समुदाय ने अपनी उपस्थित दर्ज कराई है। भाषा-शास्त्रियों के अनुसार यह इंडो-यूरोपीय भाषा समूह से संबंधित है। इस भाषा की कोई लिपि नहीं है। इसे सामान्‍यत: देवनागरी में या तेलुगु, कन्नड़ आदि स्थानीय लिपियों में लिखा जाता है।

  • मीटर   miʈər
    मीटर
    metre
  • मीठो   miʈʰo
    मीठा
    sweet
  • मीनिर पिल्ला   minɪr pɪllɑ
    बिल्ली का बच्चा
    kitten
  • मीनी   mini
    बिल्ली (बिल्ला/ बिल्ली)
    cat (male/ female)
  • मीहना   mihənɑ
    महीना
    month
  • मीहना   mihənɑ
    महीना
    month
  • मुंदी   mʊndi
    अंगूठी
    ring
  • मुट्ठी भर रेता   mʊʈʈʰi bʰər retɑ
    मुट्ठी भर बालू
    a handful of sand
  • मुतकौ   mʊtəkɔ
    अधिक
    huge
  • मुरकी   mʊrəki
    बाली
    ear-ring
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