पारधी (वाघरी या पारधी पारसी)

पारधी मध्यप्रदेश की घुमंतू-विमुक्त जाति है, जो महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़, कर्नाटक एवं तेलंगाना आदि क्षेत्रों में भी निवास करते है। 'पारधी' शब्द मराठी 'पारध' का तद्भव रूप है। यह एक पूर्व आकेटक जाति के रूप में पहचानी जाती है। मध्यप्रदेश में ‘फासे पारधी’, ‘चीता पारधी’, ‘गोसाई पारधी’, ‘लंगोटी पारधी’, ‘बहेलिया पारधी’, ‘भील पारधी’, ‘मोघिया पारधी’, ‘हिरण पारधी’, ‘टाकणकर’तथा ‘टाकीया’ जैसे पारधियों के समूह या उपजातियाँ हैं। इनके कुल-गोत्र राजपूतों से मिलते-जुलते हैं। पारधि‍यों में ‘सिसोदिया’, ‘कालीवाला’, ‘पोवाऱ्या’/‘पवारियाँ’, ‘झालीवाड्या’/‘झालाबाड़िया, ‘खोडियार’/‘सोलंकी’ इन गोत्रों को ही मूल माना जाता हैं। पारधी अपने पारंपरिक परिवेश में ही रहना पसंद करते हैं। कुछ क्षेत्रों में पारधियों की भाषा को ‘वाघरी' के नाम से पहचान प्राप्त है जो इंडो-आर्यन भाषाकुल का हिस्सा है।इस भाषा में मराठी, गुजराती, मारवाड़ी तथा हिंदी भाषा का सम्मिश्रण दिखाई देता है। वाघरी भाषा की ‘निलशिकारी’, ‘पिटाला’ एवं ‘टाकरी’ ऐसी उपभाषाएँ है। इसके अलावा पारधियों की सांकेतिक भाषा है, उसे 'पारूषी' कहा जाता है। समय के साथ पारधी बहुभाषिक हो गए हैं। लगभग पूरे भारत में उनका संचार हैं। इसलिए उन्हें आसानी से हिंदी के साथ-साथ अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में संवाद करना आता है।

  • वांदरो   wɑ̃dəro
    बंदर
    onkey
  • वाघ   wɑɡʰ
    बाघ/चीता
    tiger
  • वाघर   wɑɡʰər
    जाल
    net
  • वाजू   wɑɟu
    समय
    time
  • वास नू झाड़   wɑs nu ɟʰɑɽ
    बाँस का पेड़
    bamboo tree
  • वाहिरो   wɑhɪro
    वायु/हवा
    air
  • वाहिरो   wɑhɪro
    पवन/हवा
    wind
  • विजीजगाथू   wɪɟiɟəɡɑtʰu
    विदेशी
    foreign
  • वीस    wis 
    बीस
    twenty
  • वुड्डू   wʊɖɖu
    वृद्ध
    old